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धन / रामदरश मिश्र

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माना कि आपने
दुनिया की अपार संपदा प्राप्त कर ली है
और उसके पास कुछ खास नहीं
लेकिन वह आपसे अधिक अमीर है
उसके पास अंतरात्मा का हीरा है
जिसे उसने हर हाल में बचाए रखा
और आप उसे कबका गँवा चुके हैं
काँच बटोरने की पागल स्पृहा में डूबे हुए
अब औरों के लिए
उसके धन से प्यार का प्रकाश फूटता है
और आपके धन से अंधकार निर्ममता का।
-30.4.2015