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धरती काती प्रीत / राजूराम बिजारणियां

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आभै रो चरखो
पून री पूणी!

बादळ...
चक्कर घिरणी!
नाच्यो-
चढतो गिगनार!

चारूंमेर
खिंडग्या
उड उड फोहा

...धोळा-धप्प!

धरती...
काती प्रीत
बादळ रै मिस
चुग चुग चूंखा
रूई रा !