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धीरे-धीरे / शिवकुटी लाल वर्मा
Kavita Kosh से
चली मिनिस्ट्री धीरे-धीरे
बढ़े गिरहकट धीरे-धीरे
सड़कें धँसतीं धीरे-धीरे
ईंट खिसकती धीरे-धीरे
झाड़ा प्लास्टर धीरे-धीरे
गिना बहत्तर धीरे-धीरे
बीत गए दिन, बीती रातें
बीत गए तुम धीरे-धीरे