ननद-भौजाय के गीत / दिनेश बाबा
आम, लताम, लीची मुँजरैलै
नेमुं, सजीना, नींमो फुललै
पिउ-पिउ नित बोलै कोइलिया
फगुआ गेलै निगलाय, हे ननदि
कब ऐथुन तोरोॅ भाय?
खरचि ओरैलै, पैसो फुरैलै
रंग-गुलालोॅ के दिनमों ऐलै
चकरावै छै सोची केॅ मनमा
केना करवै की उपाय, हे ननदी।
आभिए सें हुनका जानै छै
बाप केॅ नुनुआँ पहिचानै छै
बिलखै छै देखी करी फोटू
हरदम रूसी-रूसी जाय, हे ननदी।
दुःख हम्मर छै भाग में लिखलोॅ
पढ़ै-लिखैलेॅ कुछ भी नैं सिखलौं
सुध हम्मर नैं लेलक सांवरिया
स्वामी हमरा बिसराय, हे ननदी।
परतिक्षा में ही महिनों कटलै
तेल, निमक आरू राशन घटलै
फटी रहलोॅ छै साया-साड़ी
अँगियो गेलै भसकाय, हे ननदी।
ठिक्के कहै छेली सखी-सहेलिया
सजन शहरुआ होय छन छलिया
हम्में अभागिन जनमजली छिकां
भइया छेखुन हरजाय, हे ननदी।
ननदोषी केरोॅ चिट्ठी ऐलै
सास, श्वसुर, देवरो, हरषैलै
नाची उठली छुटकी ठो ननदिया
तहूं सुनी-सुनी मुसकाय, हे ननदी।
तोरोॅ रंग छै के भगवंती
रानी छोॅ घर के तों सतवंती
तोरा पर विधाता छौं सहाय
हे भौउजी, करै छिहौं झुट्ठो नै बड़ाय।
माल-मवेशी भरल छौं दुआरी
लक्ष्मी सन गैय्या छौं दुआरी
तोरोॅ नूनू दूध-भात खाय
हे भौउजी, कथिलेॅ तोहें पछताय।
दौलत के तोरा नैं कमी छौं
दस बीघा, दू फसली जमीं छौं
होय छौ गेहूं, मूंग, कलाय
हे भौउजी, उपरो सें भैय्या के कमाय।
आय ऐलोॅ छिहौं कल चली जैबौं
चार दिनों लेली जियरा जुड़ैवौं
धीया तेॅ होथैं छै पराय
हे भौउजी, हमरा नै दीहोॅ विसराय।
भाय छै नौकरिया, छुट्टी के बेरिया
दरमाहा लेली होइथौं देरिया
साड़ी किनथौं, साया किनथौं
लानी देथौं चोलियो सिलाय
हे भौउजी, जल्दीए आबी जैथौं भाय।