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नहीं / लाल्टू

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नहीं बनना मुझे ऐसी नदी
जिसे पिघलती मोम के
'प्रकाश के घेरे में घर' चाहिए

शब्‍द जीवन से बड़ा है यह
गलतफहमी जिनको हो
उनकी ओर होगी पीठ

रहूँ भले ही धूलि-सा
फिर भी जीवन ही कविता होगी
मेरी।