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नेता‘र जनता / कन्हैया लाल सेठिया

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समझली
सत्ता रा लोभी
नेता
जनता नै
कान में
टांग्योड़ी बीड़ी,
सिलगा दै
जणां कणाईं
काढ‘र
चुनाव री तूळी,
फेर कोनी छोडैं
निमधा
बापड़ी लार
जठै तांईं
नहीं दाझै
बां री
आपरी आगळ्यां !