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पहली बार / नरेश अग्रवाल
Kavita Kosh से
अभी-अभी बड़ा हुआ था
वह हिरण
पहली बार झेला था
एक खूंखार चीते का हमला
किसी तरह बचाये अपने प्राण
बैठा है अब एक कोने में जाकर
हॉंफता हुआ
यही सोचता होगा-
जिन्दगी इतनी मुश्किलों से है भरी ।