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पाड़ा माथै बादळ / लक्ष्मीनारायण रंगा
Kavita Kosh से
पाड़ां नै
लाग गी
लू
जणैई
सावणी राणी
समन्दर री
कटोरी मांय
भिजो-भिजो‘र
बादळी-रूई रा
फवां
उणरै माथै
लगावै
उतारै