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प्यारी छब्बीस जनवरी आई / शिवराज भारतीय
Kavita Kosh से
खुशियों की बौछारें लाई
प्यारी छब्बीस जनवरी आई।
वीर शहीदों के नारों से
गूंज उठे आँगन गलियारे,
देश प्रेम की मीठी धुन से
जोश जगाते बच्चे प्यारे।
शाला में सबने मिलजुल कर
मन मोहक झांकियाँ सजाई
प्यारी छब्बीस जनवरी आई।
ऋतु बसन्त देता है दस्तक
पुण्य धरा का रूप संवारे,
चिड़िया चहके बुलबुल गाए
कलरव करते पंछी सारे।
रंग-बिरंगे फूलों का
गुलदस्ता लेकर कुदरत आई
प्यारी छब्बीस जनवरी आई।
नील गगन से बातें करता
लहर-लहर झण्डा लहराए,
झूम उठा हर मन का कोना
नाचें-गाएँ भंगडा पाएँ।
जीना-मरना देश के खातिर
राष्ट्र-प्रेम की जोत जलाई
प्यारी छब्बीस जनवरी आई।