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प्यास-२ / ओम पुरोहित ‘कागद’

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आकाश तपेगा
तो
धरती जलेगी !


धरती जलेगी
तो
जीव-जन्तु जलेंगे !


जीव-जन्तु जलेंगे
तो
उड़ जाएगा हंस !

उड़ जाएगा हंस
तो
कहां रहेगी प्यास !

अनुवाद-अंकिता पुरोहित "कागदांश"