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प्रति व्यक्ति ख़ुशी / निर्मला गर्ग
Kavita Kosh से
किससे तुलना करूँ मैं उस प्यार की
जो मैं तुम्हारे लिए महसूस करती हूँ ।
उसे यदि विस्तार दूँ
पर्यवसित करूँ किसी देश में
तो क्या नाम लूँ ? अमेरिका ? नहीं , हालाँकि वह
सबसे बड़ा और सबसे ज्यादा बिकाऊ सपना है
मैं कहूँगी — भूटान !
भूटान के प्रवेशद्वार जैसी है मेरी कामना
भूटान ही है जहाँ तुम्हारे थोड़े से साथ को मैं
एक सदी में बदल दूँगी
और देशों की तरह नहीं है भूटान
प्रति व्यक्ति आय की जगह अहमियत है उसके लिए
प्रति व्यक्ति ख़ुशी की
अहमियत है जैसे मेरे लिए तुम्हारी गर्म हथेलियों में रखे अपने विश्वास की ।