भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

प्रार्थना / सुधीर सक्सेना

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

महाप्रभु !
उजाला दे दो उन्हें,
जो टेर रहे हैं
तुम्हें सदियों से,

महाप्रभु !
मुझे दे दो
सबके हिस्से का अँधियारा

मेरे साथ है मेरी प्रिया
मेरी मीत, मेरी संगिनी

बस, इसे
इसे आख़िरी क्षण तक
रहने दो मेरे साथ