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प्रीत-१ / ओम पुरोहित ‘कागद’
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कुछ चीजें
होती हैं प्रत्यक्ष
परन्तु
अदृश्य रहती हैं
दृष्टि से
जैसे कि प्रीत ।
अनुवाद-अंकिता पुरोहित "कागदांश"