भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
प्रेम का समय / नीरज दइया
Kavita Kosh से
जब मैंने किया प्रेम
वह समय नहीं था
वह प्रेम था समय से पहले
जब समय था प्रेम का
समय ने कुछ कहा नहीं
मैं दुखी था,
वह शोक किसका था-
उसका, प्रेम का या समय का?
समय निकलने के बाद
फिर हो गया है प्रेम
या लौट कर आया है प्रेम!
समय से पहले का प्रेम
और समय के बाद का प्रेम
होता है कष्टकारक
ठीक समय पर
होता ही नहीं प्रेम!