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बंदरलाल की ससुराल / प्रकाश मनु
Kavita Kosh से
एक दिन सूट पहनकर बढ़िया
भोलू बंदरलाल,
शोर मचाते धूमधाम से
पहुँच गए ससुराल।
गाना गाया खूब मजे से
और उड़ाए भल्ले,
लार टपक ही पड़ी, प्लेट में
देखे जब रसगुल्ले।
खूब दनादन खाना खाया
नही रहा कुछ होश,
आखिर थोड़ी देर बाद ही
गिरे, हुए बेहोश।
फौरन डॉक्टर बुलवाया
बस, तभी होश में आए,
नहीं कभी इतना खाऊँगा-
कहकर वे शरमाए!