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बनड़ी! चलो जी हमारे साथ / हरियाणवी
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हरियाणवी लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
बनड़ी! चलो जी हमारे साथ नारंगी ले लो रस भरी
बन्ने! दादा जी छोड़े ना जांय दादी में हमारा मन घना
बन्ने! बाबल छोड़े ना जांय अम्मा में हमारा मन घना
बन्ने! चाचा ताऊ छोड़े ना जांय चाची ताई में मन घना
बन्ने! भाई बहन छोड़े ना जांय मामा मामी में मन घना
बन्ने! यह घर छोड़ा ना जांय इस नगरी में हमारा मन रमा
बन्नी! यह सब झूठा है जंजाल असल में सच्चे दो जने
बनी! चलो जी हमारे साथ नारंगी ले लो रस भरी