भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
बसन्त : 2018 / विनोद विट्ठल
Kavita Kosh से
जब से बादशाह ने शुरू की है
मन की बात कहनी
बसन्त
सरोजनी नगर के फुटपाथिया बाज़ार में आते
एम०सी०डी० स्कवाड की तरह लगता है !