भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

बातचीत / बैर्तोल्त ब्रेष्त / उज्ज्वल भट्टाचार्य

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

हिटलर ने ईसा से कहा —
मेरी बात से हो राज़ी
यहूदियों से नफ़रत है तुम्हें
यानी तुम हो एक अच्छे नाज़ी !
 
नफ़रत तुम्हें आज़ादी के सपनों से
अमन और इंसाफ़ नहीं क़रीब ?
देखो हमारे परचम पर
बनी है इक टेढ़ी सलीब !

बता दो मुझे, ईश्वर के पुत्र
यहूदी विरोधी हो या नहीं ?
ईसा ने कुछ बालू पर लिखा
और जवाब भी दिया वही :
 
— जिसकी नस्ल हो शुद्ध सुघड़
वह फेंके पहला पत्थर ।

मूल जर्मन भाषा से अनुवाद : उज्ज्वल भट्टाचार्य