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बानी / यतीन्द्र मिश्र
Kavita Kosh से
उसने बानी दिया
जैसे रेत में ढूँढ़कर पानी दिया
उसने बानी दिया
जैसे रमैया से पूछकर
गुरु ग्यानी दिया
उसने बानी दिया
जैसे जीवन को नया मानी दिया.