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बाल कबीले का लोकगीत / हेमन्त देवलेकर

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(बच्चे जो अभी भाषा नहीं जानते, ध्वनि से हुलसते हैं, उनके लिये)

टुईयाँ गुईयाँ
ढेम्पूलाकी चुईयाँ

बेंगी पुंगी चिक्कुल भाकी
नक थुन धाकी भुईयाँ

अब दु़न भेला ठुन ठुन केला
बीन भनक्कम पुईयाँ

हगनू पटला झपड़ तो बटला
शुकमत टमटम ठुईयाँ

गझगन चिम्बू छुकछु़न लिम्बू
झलबुल टोला ढुईयाँ

टुईयाँ गुईयाँ
किंचुल गोला मुईयाँ।