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बेटी और माँ / आभा पूर्वे
Kavita Kosh से
नन्हे-नन्हे
कोपल समान
कोमल-कोमल
दूब जैसी
बड़ी हो रही है
बेटी
खुश होती हुई माँ
आखिर/ठूंठ
क्यों हुई जा रही है ?