भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
भक्ति / मुंशी रहमान खान
Kavita Kosh से
भक्ति ईश्वरी शक्ति है जानैं पुरुष महान।
भक्ति मुक्ति दाता अहै भाष्यो निगम पुरान।।
भाष्यो निगम पुरान भक्ति से दर्शन पावै।
हरै तीनहूँ ताप भक्ति सुर लोक पठावै।।
रहमान ईश्वरी भक्ति से नहीं जबर नर शक्ति।
भक्ति बचायो हिरनसुत लखहु ईश्वरी भक्ति।।