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भोलापन / शशि सहगल

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हादसा चाहे लंदन में हो
या फिर अमरीका में
हो गर दिल्ली में भी
हादसा ही होता है
शहरों और मुल्कों के नामों से
नहीं फ़र्क पड़ता उसे।
चाहते हो गर करना फ़र्क
तो बदलनी होगी ज़हनीयत
ज़हीन नहीं मासूम बनो
यूँ ही टल जाएँगे हादसे
हँसते-हँसते