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भ्रम / चन्द्रप्रकाश जगप्रिय
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सुअर नें
सुअरनी सें कहलकै
एक दिन
गदहा ऐना देखै रहै
ई देखकेॅ
आदमी ओकरा पर हाँसेॅ लगलै
ओकरा सें पूछलकै ई किए ?
वैं कहलकै
ऐना देखै दियै
कहीं छलकपट तेॅ नै
आय गेलै हमरा में
आदमी जैसन।