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मंगलाचरन / पतझड़ / श्रीउमेश
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मंगलमय भगवान सत्य छै शिव छै सुन्दर छै सब काल।
हुनका करुणा सें प्रतिपालित छै प्रतिपल ब्रह्माण्ड विसाल॥
परमेस्वर के सरनागत छै सकल जीव-सौंसे संसार।
यैसे जै-जैकार करै छै गाबै छै महिमा विस्तार॥