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मछलियाँ / दिविक रमेश
Kavita Kosh से
पारदर्शी पानी है झील में
मछलियाँ गीत गा रही हैं।
यहाँ से वहाँ तक
गीत गा रही हैं मछलियाँ
ज़रूर कोई मादक गीत है!
बार-बार
सटी आती हैं
एक-दूसरे से।
किसी वक़्त
पानी खेत हो जाएगा
और मछलियाँ
सिर्फ़ फ़सलें रह जाएंगी।
गीत गाती गाती
मछलियाँ!