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मधु 'मधुमन'
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मधु 'मधुमन'
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मधु 'मधुमन' / परिचय |
कुछ प्रतिनिधि रचनाएँ
- तुमको पाने की आरज़ू कर के / मधु 'मधुमन'
- भले नहीं है मेरे बख़्त में ज़ुक़ा की ज़िया / मधु 'मधुमन'
- फूल ख़ामोश है कली भी चुप / मधु 'मधुमन'
- बात राई सी भी लगेगी पहाड़ / मधु 'मधुमन'
- उजास करने की ज़िम्मेदारी सियाहकारों को दी गई है / मधु 'मधुमन'
- वो रोज़ करते हैं दावा जो रहनुमाई का / मधु 'मधुमन'
- उम्र की शाम है और दिल मेरा बचपन माँगे / मधु 'मधुमन'
- आइना अक्स मेरा ढूँढ रहा है मुझमें / मधु 'मधुमन'
- पहले तो मिस्ले मह-ओ-अख़्तर थे हम / मधु 'मधुमन'
- एक तो ज़ीस्त के नशेबो-फ़राज़ / मधु 'मधुमन'
- बिना बात ही रूठ जाना किसी का / मधु 'मधुमन'
- उसके दर से जबीन का रिश्ता / मधु 'मधुमन'
- घेर लेते हैं कभी जब भी कुहासे मुझको / मधु 'मधुमन'
- धुआँ-धुआँ है हवाएँ ,नदी की ख़ैर नहीं / मधु 'मधुमन'
- दुनिया में सबकी होती है ताबीर-ए-ख़्वाब कब / मधु 'मधुमन'
- कभी दुनिया का जो संबल रहे हैं / मधु 'मधुमन'
- किसी की ख़ामियों का तज़्किरा नहीं करते / मधु 'मधुमन'
- मौसमे-दिल को ख़िज़ाँओं के असर ले डूबे / मधु 'मधुमन'
- वो रात हिज्र की हो या वो रात हो विसाल की / मधु 'मधुमन'
- चमन से ख़ुशबूओं का इस्तिआरा ले गया कोई / मधु 'मधुमन'
- हमने ख़ुद को कभी बेज़ार नहीं होने दिया / मधु 'मधुमन'
- ओढ़ के रखते हैं सब चोले क्या कीजे / मधु 'मधुमन'
- माज़ी के गुलसितां में जब ले चलेंगी आँखें / मधु 'मधुमन'
- चंद लम्हों में ही सदियों का नज़ारा कर लिया / मधु 'मधुमन'
- तसव्वुर में ही बातें कर रहे हैं / मधु 'मधुमन'
- अब वो पहले से माह-ओ-साल कहाँ / मधु 'मधुमन'
- सिर्फ़ इक तहरीर बन रह गयी / मधु 'मधुमन'
- सामना यूँ हर बला का हँस के कर जाते हैं हम / मधु 'मधुमन'
- हर तमन्ना दर-ब-दर है क्या करें / मधु 'मधुमन'
- ज़िंदगी तेरे तग़ाफ़ुल ने बड़ा तंग किया / मधु 'मधुमन'
- जाने कितने ख़्वाब टूटे वक़्त की देहलीज़ पर / मधु 'मधुमन'
- हमारी इस धरोहर को बचा कर कौन रक्खेगा / मधु 'मधुमन'
- कब तलक़ वादों से ही जीवन गुज़ारा जाएगा / मधु 'मधुमन'
- अपने माज़ी के ख़ज़ाने क्या-क्या / मधु 'मधुमन'
- नसीब तेरे निसाब इतने / मधु 'मधुमन'