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मिनख / कन्हैया लाल सेठिया

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कौनी कैवै
जिनावरां रै
रैवासै नै गांव,
जुड़योड़ा
मिनख री संग्या स्यूं
सगला विशेषण,
बी रैं
पगां चींथीज्योड़ी धूल
मारग
थाक्यौडै़ री बिसांई
मंजल,
आंख री ओलख
अम्बर, समदर,
कद बाजै
जिनावरां री बोली भाषा ?
कोनी हुयो
वासणा स्यूं आगै
बां री समझ रो विकास,
आ तो
मिनख री खिमता
बणा दिया
दगड़ां नै देवता
मिटा दियो
दैत रो दुंद,
हुगी एक मेक
चेतना‘र जड़ता !