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मुस्कान (चार चुटकियां) / रंजना भाटिया
Kavita Kosh से
1
मुस्कान..
जैसे..
तपते मरुथल मन
पर घिरती
शीतल सी छाया !
2
मुस्कान..
जैसे..
नवजात की पहली
दंत पंक्ति
3
मुस्कान..
जैसे..
बिन कहे ही
कह दी हो
सब बात ...
4
मुस्कान ...
जैसे ....
पतझड़ के बाद
खिले वसन्त