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मेंढगा / ओम बधानी

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गळ्या बळ्द सि खाणा क भारि
बांडु भैंसु सि न्यार कट्टु
दिन भर
तास-कच्ची चळनी छन
अर
पसर्यां छन
कभि बिल्या खोळा
कभि सौकारू क खोळा
फसक मार खत्यां
की कथा क न
खाणा छन गौं तैं घूण कर
कोरणा छन देस तैं धिवाड़ु कर
अर बोळ्ना क ज्वान छन
इ मेंढगा – आळगसी।