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मेकैनिक /राम शरण शर्मा 'मुंशी'
Kavita Kosh से
नट,
बोल्ट,
ढिबरी,
घर,
दफ़्तर,
बीवी,
कविता की,
पेंच कसा !
ऐस किया,
ढीला किया !
जिया
रोज़
टाइम से
टाइम
से
मर गया !