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मेढक मामा / प्रकाश मनु
Kavita Kosh से
मेढक मामा
मेढक मामा,
खेल रहे क्यों पानी में,
पड़ जाना
बीमार कहीं मत
वर्षा की मनमानी में।
मेढक मामा
मेढक मामा,
नभ में बादल छाए हैं,
इसीलिए क्या
टर्र-टर्र के
स्वागत-गीत सुनाए हैं।
मेढक मामा,
उछलो-कूदो
बड़े गजब की चाल है,
हँसते-हँसते
मछली जी का
हाल हुआ बेहाल है!
मेढक मामा,
सच बतलाओ,
कब तक बोंबे जाओगे,
बढ़िया
रेनी कोट सिलाओ,
फिर हीरो बन जाओगे!