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मेरा अपना है वो / कमलेश द्विवेदी

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आईने में दिखता है वो.
बिलकुल मेरे जैसा है वो.

मेरे रोने पर रोता है,
मैं हँसता हूँ हँसता है वो.

मैं जो बुरा तो वो भी बुरा है,
मैं अच्छा तो अच्छा है वो.

मेरा दिल आईने जैसा,
जिसमे हरदम रहता है वो.

उसको अलग कैसे मानूँ,
अक्स ही मेरा अपना है वो.