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मेरा वेनिस / रोज़ा आउसलेण्डर
Kavita Kosh से
वेनिस
मेरे शहर
महसूस करती हूँ मैं तुम्हें
लहर दर लहर
सेतु दर सेतु
रहती हूँ मैं
बड़ी नहर पर बने
हर महल में
मेरी घण्टियों में
बजती हैं कविताएँ
मेरा वेनिस डूबता नहीं II
मूल जर्मन भाषा से प्रतिभा उपाध्याय द्वारा अनूदित