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मैं / नीलेश माथुर
Kavita Kosh से
एक प्रश्न
अक्सर मैं करता हूँ खुद से
कि मैं कौन हूँ?
अपने अस्तित्व की तलाश में
खुद अपने आप से अपरिचित
हैरान होता हूँ मैं
खुद के मैं पर,
जीने के बहाने ढूंढ़ते हुए भी
मेरा मैं
अस्तित्वहीन सा खड़ा है
सिर उठा कर,
और मैं
मेरे मैं की परतें उधेड़ता हुआ
उलझता जाता हूँ
अपने ही प्रश्न के जाल में!