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रंग-3 / जया जादवानी
Kavita Kosh से
अचानक उलट गईं
शीशियाँ सारे रंगों की
बहुरंग हुए रंग सारे
यूँ छुआ एक दूजे को
गुँथ गए फिर
खोजने असली रंग अपना