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रहस्य / विष्णु नागर
Kavita Kosh से
मैं आपको अपने कई रहस्य नहीं बताये
आपने भी यही किया
हमारी दोस्ती की यही आधारशिला है
इसी के नीचे एक दिन हम दब जाएँगे
बस थोड़ी देर घुटन होगी
फिर सब शांत हो जाएगा।