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राख हो चुकी लड़की / अर्चना लार्क
Kavita Kosh से
शब्द शून्य हो रहे
आवाज़ कमज़ोर है
समाज खो चुका है अपनी भाषा
माहौल में सिसकी है
राख हो चुकी एक लड़की हवा में तैर रही है
एक लड़की
जिसने आज ही दुनिया को अलविदा कहा
प्यारी लड़की !
तुम और तुम जैसी बहुत सी
अन्त तक बनी रहेंगी अपनी आवाज़ में
अपनी राख में ।