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रेंगने वाले लोग / शहरयार
Kavita Kosh से
चलते-चलते रेंगने वाले ये लोग
रेंगने में इनके वह दम-ख़म नहीम
ऎसा लगता है कि इनको ज़िल्लतें
मुस्तहक़ मेक़्दार से कुछ कम मिलीं।