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रॉक गार्डेन-1 / कुंदन अमिताभ
Kavita Kosh से
नै कोनो तामझाम
नै कथू केरऽ उल्लंघन
एकदम अद्भुत
अप्रतिम
नेकचंद केरऽ करामात
केरऽ अन्यतम प्रतिमान
चंडीगढ़ केरऽ रॉक गार्डेन।
समुच्चे सृष्टि केॅ
पत्थर में बदलै केरऽ
मंशा राखने
माडर्न इंसान-बेजुबान
बेजुबान पाषाण सें
फूटी पड़तै जेना प्राण
आपन्है सें अनभिज्ञ मानव
कथू सें नै छै अनजान
चंडीगढ़ केरऽ रॉक गार्डेन।
बेलगाम होय रहलऽ
पर्यावरण केरऽ अपमान
नै कोनो सम्मान
होय जैते सर्वनाश
होतै सब स्वाहा
हम्में तोंय धरती ब्रह्मांड
आस्तें-आस्तें सब व्यर्थ
एकदम व्यर्थ में
छुपलऽ अर्थ के
कराय रहलऽ छै पहचान
चंडीगढ़ केरऽ रॉक गार्डेन।