भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
र्इंटें / नील कमल
Kavita Kosh से
अपने-अपने नाम की र्इंटें हटा लो
इस दीवार में लगे होने का मतलब नहीं ।
अपने नाम की र्इंट से हटाओ काई
अपने नाम की र्इंट के कर दो टुकड़े
अपने नाम की र्इंट उछालो पूरे दम से ।
अपने-अपने नाम की र्इंटें हटा लो
इस दीवार में लगे होने का मतलब नहीं।
मैंने अपने नाम की र्इंट उछाल दी है दीवार पर ।