भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
विश्वास की नई परिभाषा / नवनीत पाण्डे
Kavita Kosh से
जब भी दिखाई जाती है टॉफ़ी उसे
वह लेने, हाथ बढाने, मचलने से पहले
विचारता है
क्यूंकि-
कई बार छला गया है वह
टॉफ़ी की जगह कागज से
वह सीख रहा है विश्वास की नई परिभाषा
और दिखा रहा है टॉफ़ियां सबको