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वृक्ष / रामधारी सिंह "दिनकर"
Kavita Kosh से
(१)
पहली पंक्ति लिखी विधि ने जिस दिन कविता की,
उस दिन पहला वृक्ष स्वयं उत्पन्न हो गया।
प्रथम काव्य है वृक्ष विश्व के पहले कवि का।
(२)
द्रुमों को प्यार करता हूँ।
प्रकृति के पुत्र ये
माँ पर सभी कुछ छोड़ देते हैं,
न अपनी ओर से कुछ भी कभी कहते।
प्रकृति जिस भाँति रखना चाहती
उस भाँति ये रहते।