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वैलेंटाइन सँदेश / आशा कुमार रस्तोगी
Kavita Kosh से
हरितिमा का हृदय से, स्वागत, सरस सत्कार हो,
आज हो मालिन्य मर्दन, मुदित मन मनुहार हो।
प्रकृति पुलकित, पीत पुष्पों से, प्रकट कुछ कर रही,
प्रेम-पूरित भावना का, हर तरह सम्मान हो।
खिलती कलियों-सा सुवासित, उर नवल उत्साह हो,
आज "वैलेन्टीन डे" पर, प्यार का इज़हार हो।
सुमन सुरभित, सब दिशा, उल्लास का सँचार हो,
सतरंगी बिखरें छटाएँ, विश्व का कल्याण हो।
स्नेह हो सिँचित, घृणा का सर्वथा परित्याग हो,
स्वप्न भारतवासियों के, मिल के सब साकार होँ।
देव-वाणी-सी ऋचाएँ, वेद की गुँजार होँ,
ज्ञान का फैले उजाला, तिमिर का सँहार हो।
ईश देँ सदबुद्धि, समरसता, सकल सदभाव हो,
उर मेँ "आशा" हो प्रबल, पथ प्रगति का विस्तार हो...!