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सच यही है / प्रताप सहगल
Kavita Kosh से
विज्ञान कितना ही क्यों न उछाले
मशीन
टक्नॉलाजी
या और लाखों उपकरण
पर सच तो यह है
कि तुम्हारे स्पर्श से
मुझे अब भी रोमाँच हो आता है.