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समझ / रमेशचन्द्र शाह
Kavita Kosh से
किसने बनाई समझ?
चीज़ें किसकी समझ हैं?
चीज़ों से बनीं समझ
या कि चीज़ें समझ से?
चीज़ों के पीछे पड़ी, चीज़ों के आगे अड़ी
चीज़ों के बाहर खड़ी
तू भी क्या चीज़ है!
मेरी समझ वापिस ला
उबार ले अब भी मुझे
नामरूप चीज़ों की
कामरूप
समझ!