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सम्राट का देशाटन / तुलसी रमण
Kavita Kosh से
रतों रात सज गया
सुदूर अँचल का एक गाँव
तन गये तोरण
बुहारी गयी बाट
जयघोष का
कुछ हुआ अभ्यास
आँगन की क्यारियों के
सब तोड़े गये फूल
उमड़ पड़ीं मालाएँ
देशाटन पर
निकला सम्राट
सम्राट ने
एक पँजर से
हाथ मिलाया
और मुस्करा दिया
एक नगन का कंधा सहलाया
और मुस्करा दिया
फटेहाल बच्चों की ओर फेंके
कुछ माला फूल
और मुस्करा दिया
देर तक थपथपाती रहीं
भोली तालियाँ
सफल हुआ जीवन
देख लिया सम्राट
सम्राट ने पहना है
तालियों का लिबास
सम्राट सुंदर है