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सवाल / प्रफुल्ल कुमार परवेज़

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आतंक
अगर केवल मशीनगन गोली
और अचानक मौत है
तो वह क्या है भाई
जो घर के अंदर से
दफ़्तर के अंदर तक
तुम्हारे साथ-साथ
चलता है
तुम्हारे सच का गला घोंट कर
सदैव तुम्हारे मुँह से बाहर
निकलता है

प्रतिरोध के हर मौके पर
बच्चे की फ़ीस
पत्नी की दवाई
सुबह-शाम की रोटी
याद दिलाता है
ग़ुस्सैल की जगह
चापलूस बनाता है

गोली से संभावित
यकलख़्त मौत
अगर आतंक है
तो उम्र भर
लम्हा—लम्हा मौत
क्या है

आतंक का टारगेट
कुछ लोग हैं
तो लगभग देश
किसका टारगेट है.