भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
साईं बेटा बाप के / गिरिधर
Kavita Kosh से
साईं बेटा बाप के बिगरे भयो अकाज
हरनाकुस अरु कंस को गयो दुहुन को राज
गयो दुहुन को राज बाप बेटा के बिगरे
दुसमन दावागीर भए महिमंडल सिगरे
कह गिरिधर कविराय जुगन याही चलि आई
पिता पुत्र के बैर नफा कहु कौने पाई