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सावण री बादळियां / सांवर दइया
Kavita Kosh से
सावण सुरंगो
आभै में खिंडियोड़ी
घटाटोप बादळियां काळी
जाणै गोरड़ी कोई
मसळ नाखी हुवै
आंख्यां काजळ आळी ।